duniya kee sabase dard bharee shaayaree ( दुनिया की सबसे दर्द भरी शायरी )

 दुनिया की सबसे दर्द भरी शायरी | समाज, स्वार्थ और सच्चाई की आवाज़

टूटे दिल और दर्द की शायरी - दुनिया की सबसे दर्द भरी शायरी हिंदी में

टूटे दिल और दर्द की शायरी - दुनिया की सबसे दर्द भरी शायरी हिंदी में

लोग चेहरे पढ़ना सीख गए हैं,
दिल का दर्द अब दिखता ही नहीं।
जो सबसे हँसता है सबसे ज़्यादा,
वो अकेला कहीं रोता भी नहीं...



रिश्ते आजकल दिखावे के हो गए हैं,
सच्चाई तो बस कहानियों में रह गई।
जिनके लिए जीते थे कभी,
वो हमारे बिना भी अच्छे से जी गए।



भीड़ में अकेले रहना सीख लिया,
क्योंकि भरोसा अब दिल तोड़ देता है।
जिसे अपना समझा, उसी ने सीखा दिया,
कि इंसान से ज़्यादा मतलबों से प्यार होता है।



जिसने सच बोला, वो ठुकरा दिया गया,
झूठ बोलने वाला सर आँखों पर बैठा।
ये समाज इंसान नहीं देखता,
बस ओहदा और नाम गिनता है।



ये जो पढ़ रहे हो तुम,
शायद दुनिया की सबसे दर्द भरी शायरी है।
क्योंकि इसमें वो आहें हैं,
जो कभी किसी ने सुनी ही नहीं...



हमने चाहा सबका भला,
और सबने बना लिया हमें बेवकूफ।
ख़ामोशी हमारी कमजोरी समझी,
अब बोलेंगे तो रिश्ते टूटेंगे।



कहाँ गए वो लोग जो कहते थे,
"हम हमेशा तुम्हारे साथ हैं"
अब तो साया भी रौशनी देख कर साथ छोड़ देता है।



चेहरों पर मुस्कानें झूठी हैं,
दिल के अंदर कोहराम मचा है।
ये समाज तुम्हें तब तक देखता है,
जब तक तुम उनके मतलब के हो।



दुनिया की नज़र में जीने से बेहतर है,
अपने ज़मीर के हिसाब से मर जाना।
यहाँ लोग आँसू भी गिनते हैं,
कि वो दिखावे के थे या असली थे।



कुछ अल्फाज़ ऐसे होते हैं,
जो सीधा दिल को चीर देते हैं।
और यही हैं वो अल्फाज़,
जो बनती हैं दुनिया की सबसे दर्द भरी शायरी...



अब किसी से उम्मीद नहीं करते,
क्योंकि अपने भी पराये हो जाते हैं।
रिश्तों में अब वो गर्माहट नहीं रही,
सिर्फ मतलब रह गया है, मोहब्बत नहीं।



आईना देख कर भी खुद को पहचान नहीं पाते,
इस दुनिया ने चेहरा ही नहीं, आत्मा भी बदल दी है।



रिश्ते अब रिवायत नहीं,
एक किस्म का सौदा बन चुके हैं।
जहाँ भावनाओं की कीमत नहीं,
बस टाइमपास और फ़ायदा देखा जाता है।



क्या ये दर्द तुम्हें भी छू गया?
तो समझो तुमने भी महसूस की है
दुनिया की सबसे दर्द भरी शायरी...



समय ने सिखाया सबसे बड़ा सबक —
कि जो लोग दिल के करीब होते हैं,
वही सबसे ज़्यादा तोड़ते हैं।



जिसने सबसे ज़्यादा परवाह की,
उसी को सबसे ज़्यादा नजरअंदाज किया गया।
यही इस दुनिया की सच्चाई है,
जहाँ प्यार हार जाता है और स्वार्थ जीत जाता है।



इंसानियत मर चुकी है शायद,
वरना कोई भूखा नहीं सोता।
कभी नफ़रत से भरी भीड़ में जाकर देखो,
वहाँ मोहब्बत के कत्ल रोज़ होते हैं।



हमने दरवाज़े खुले रखे थे सबके लिए,
लेकिन किसी ने आकर पूछा तक नहीं।
अब ताले भी नहीं लगते,
बस दिल बंद हो गया है।



रातों से रिश्ता कुछ यूँ बन गया है,
जागना आदत और रोना मजबूरी हो गई।
सुबह अब अच्छी नहीं लगती,
क्योंकि कोई इंतज़ार ही नहीं करता।



हर बार टूट कर भी मुस्कुराना पड़ता है,
क्योंकि दुनिया दर्द नहीं, दिखावा देखती है।
कभी वक़्त मिले तो खुद से मिलो,
शायद तुम भी किसी शायरी बन जाओ।

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