Pati ka dard na jaane koee - पति का दर्द न जाने कोई - न जिम्मेदारी कम होती है, न शिकायत कम होती है....jpg)
पति की मजबूरी • औरत के मन की सच्चाई
😞 हर रोज़ के तानों ने चुप कर दिया,
😣 उसने ही सबसे पहले घायल कर दिया।
😔 जिससे वफ़ा की थी उम्र भर निभाने की,
💔 उसने ही ज़िंदगी से विश्वास हर लिया।
🙏 हाथ नहीं उठाया कभी अपनी पत्नी पर,
🗡️ पर वो हर शब्द से वार कर गई।
🤐 खामोश रहा, इज्ज़त के लिए सब सहा,
💔 मगर वो मोहब्बत को भी गुनाह कर गई।
😔 जिसे सजदे में रखा, वही ज़मीन पर गिरा गई,
🪪 झूठे इल्ज़ामों से दुनिया में रुसवा कर गई।
☠️ वो बीवी नहीं, एक चुप‑सा ज़हर निकली,
💔 जो धीरे‑धीरे मेरे वजूद को खा गई।
⚖️ प्यार की उम्मीद लेकर जिसने साथ निभाया,
🏛️ वही अब घर में अदालत बन कर आया।
❓ हर बात पर सवाल, हर कदम पर अपमान,
💔 बीवी ने पति को एक अपराधी बनाया।
🫥 सब कुछ देकर भी कुछ नहीं उसका कहलाता है,
😩 हर दुख को चुपचाप सीने में दबाता है।
🤕 पति का दर्द न जाने कोई, ये दुनिया बोलती है,
💧 पर जब टूटे तो आँसू तक भी छिपाता है।
🚸 अब बेटियों की नहीं, बेटों की रक्षा करनी होगी,
👀 माँओं को भी अपनी आँखें खुली रखनी होगी।
🩸 पति का दर्द न जाने कोई – जब बीवी ही वार करे,
⚠️ तो इस दुनिया की सोच भी बदलनी होगी।
🏋️ जब जिम्मेदारी बोझ नहीं इम्तिहान बन जाए,
🤐 हर दिन बस खामोशी की ज़ुबान बन जाए।
🤔 तो सोचो वो पति किस हाल में जीता है,
😫 जिसकी हर खुशी अब थकान बन जाए।
😟 वो लड़का था जब तो माँ से सीखा सम्मान देना,
😣 अब पति बना तो बीवी से सीखा ताने सहना।
🤝 सोचा था “साथ निभाएँगे ज़िंदगीभर”,
⚖️ अब हर दिन बेगुनाह होकर भी कटघरे में खड़ा रहना।
😔 वो हर दिन हँसी देता रहा अपने घर को,
😨 पर किसी ने न झाँका उसके अंदर के डर को।
🤖 बीवी समझती रही उसे पत्थर‑सा इंसान,
💔 मगर कोई नहीं देख पाया उसके टूटते मन को।
🍞 रोटी, कपड़ा, छत सब कुछ देता है,
🤷♀️ फिर भी बीवी उसे आदर से क्यों नहीं देखता है?
🤦♂️ हर दिन वही ताना—“तू करता ही क्या है?”
💔 शायद उसकी मेहनत को कभी मन से नहीं समझता है।
👷 बीवी के लिए दिन‑भर खटता रहा,
🩹 हर ग़लती पर खुद को ही काटता रहा।
🌪️ वो सोचती रही कि पति ठंडा दिल वाला है,
💔 पर अंदर से वो रोज़ एक ज़िंदा लाश‑सा जलता रहा।
🏠 घर में उसका होना भी किसी को फ़र्क नहीं देता,
🪨 उसकी आवाज़, उसकी थकान कोई नहीं समझता।
🗣️ बीवी कहती है – “तू मर्द है, सब सह लेना”,
💔 कभी पूछा कि मर्द के सीने में भी दिल धड़कता?
👦 वो लड़का था जब आसमाँ में उड़ने के ख्वाब रखता था,
🚶 अब पति है तो हर ख्वाब पैसों के हिसाब रखता है।
🔗 इंसान की ज़िम्मेदारी ने पिंजरा बना दिया है उसे,
💔 औरत समझ न पाई—वो दिल में सैलाब रखता है।