Shayari in Hindi

Shayari in Hindi | इंसानियत, इमानदारी, प्यार और दुनियादारी

Shayari in Hindi – दिल को छू जाने वाली शायरी

Shayari in Hindi

परिचय: शब्द जब दिल से निकलते हैं, वे शायरी बन जाते हैं। नीचे की पंक्तियाँ किसी मशीन की नहीं, एक इंसान की धड़कन से लिखी गई हैं—जहाँ सोच का विस्तार, व्यवहार की परख, इमानदारी का आईना, प्यार‑मोहब्बत की खुशबू, माता‑पिता का स्नेह, हमदर्दी की गर्माहट और दुनिया की सच्चाइयाँ सब एक साथ गूँथी गई हैं।

1. इंसान की सोच और व्यवहार

भीड़ में रहकर भी अपनी राह चुनता इंसान,
सपनों की परछाइयों में खोजता नया आसमान।

आँखें खुली रहें तो हर अनुभव बनता विज्ञान,
पर बंद पलकों में भी पलता है अडिग विश्वास महान।

तर्क और भाव की लड़ाई में अक्सर हारता अभिमान,
जीत जाता है सरल मन जो अपनाता विनम्र बयान।

विचारों की खेती जो बोता है संयम का पानी,
उसी खेत में उगती है जीवन भर की कहानी।

व्यवहार में मिठास घुली तो कड़वाहट भी हो जाती दान,
कठिन शब्दों का हलवा बन जाए यही तो सच्ची पहचान।

सुनहरी उम्मीदों में लिपटा जब साधारण‑सा दिन थककर सोता है,
वहीं जागती है नयी सुबह, जो फिर से जीना सिखाती है।

2. इमानदारी और दुनियादारी

सच की राह पतली सही, मगर पाँव नहीं डगमगाते,
झूठ के राजमहल बड़े, पर नींव कहीं न टिक पाते।

इमानदारी का दीपक जब साँझ में धीमा‑सा जलता है,
दुनियादारी की आँधी में भी राहों को रोशन करता है।

मोल तोल की बस्ती में जब हर ख्वाब बिक जाता है,
ईमान का छोटा सिक्का भी अनमोल गहना बन जाता है।

सौदे बहुत दिखेंगे जहाँ रिश्वत की नदियाँ बहती हैं,
पर पसीने की खुशबू ही सिक्कों पर अपनी मोहर कहती है।

जो काँच के महलों में बैठा, पत्थर ही उठाता है,
एक दिन सच की किरण उस काँच को भी पिघला जाती है।

ईमान पर जमी धूल को आँसू साफ़ कर जाते हैं,
और फिर वही आईना चेहरों को असलियत दिखाते हैं।

3. प्यार और मोहब्बत

खुशबू‑सा बहता एहसास जब सांसों को छू जाता है,
पतझड़ में भी गुलमोहर नये रंग खिला जाता है।

दो धड़कनें मिलकर लिखें जब मौन का मधुर गान,
लफ़्ज़ बिन बोले भी कह दें सारा अंजाम‑ओ‑आन।

इश्क़ अगर सच्चा हो तो दूरी भी संगती बन जाती,
तारों में उलझी रात सुब्हान घड़ी में मुस्काती।

मोहब्बत की मिट्टी में जब वफ़ा का बीज पड़ता है,
कतरा‑कतरा सावन बनकर सूखी रूह को सींचता है।

अनकहे वादों की लहरें किनारों को चूमती जब लौटती,
हर पल की तस्वीर नई, हर याद पुरानी हो जाती।

दिल की दीवार पर लिखी नाम की छोटी‑सी आड़ी रेखा,
वक़्त के तेज़ थपेड़े भी मिटा न पाते वो लेखा।

4. माता‑पिता की ममता

माँ के आँचल की छाया में धूप भी ठंडी लगती है,
पिता के भरोसे पर चलती सड़कों में दूरी सिमटती है।

झुकते हुए कंधों पर समंदर‑सी कहानियाँ बोई जातीं,
हम छोटे‑से कश्ती लेकर सपनों की ओर बढ़ जाते।

डाँट के पीछे छिपा प्रेम जब मुस्कुराकर दिखता है,
जीवन के सारे डर का ताला उसी पल खुलता है।

रात की परछाईं में भी उजली दुआओं की रोशनी,
माँ‑बाप की हर पुकार हमारे कल की गारंटी।

उनके त्याग की परतें जितनी खोलो उतना ही चमत्कार,
रिश्तों के इस मंदिर में आरती‑सा बजता प्यार।

माथे पर रखा हाथ पिता का एक क़िले‑सा बन जाता,
सारी दुनिया की आँधियाँ आकर लौट‑लौट रह जातीं।

5. हमदर्दी और इंसानियत

साथ चलना ही तो नहीं, दर्द को समझना रिवायत है,
यही हमदर्दी की रौशनी, यही इंसानियत की शहादत है।

जिस दिन आँसू पराए भी अपने से लगने लगते हैं,
उस दिन दिल की चौखट पर फरिश्ते उतरने लगते हैं।

रोटी बाँटना आसान है, पर भूख को महसूस करो,
इक कौर में सारी दुनिया की सच्चाई घोल‑घोल रो।

तलवार से बड़ी ताक़त है जब शब्द किसी का मरहम हों,
खून नहीं, दुआओं से लिखे इतिहास अमरतम हों।

ज़ख़्म दिखे या न दिखे पर नमक सभी छिड़कते हैं,
हमदर्द वही जो मरहम से पहले मुस्कान भी रखता है।

इंसान वही, जो हाथ बढ़ाए बेज़ुबानों की तरफ़,
रब भी मुस्काए जब देखे उसका करुण हर्फ़।

6. दुनिया की सच्चाई

दुनिया के बाज़ार में हर रिश्ता जेब तौलता है,
भावनाओं का सिक्का मगर दिल ही खोलता है।

अफवाहें तेज़ उड़तीं, सच पैदल चला करता है,
फिर भी आख़िर सच ही मंज़िल पर पहला कदम रखता है।

समय की धारा उलट नहीं, सबक़ मगर लौट आता है,
कल की गलतियों को आज सुधार पाना ही तो भाता है।

जिसने खुद को जाना, उसने ही जग को पहचाना,
आईने से जो न डरा, वही सच्चाई का दीवाना।

चमकती भीड़ में अक्सर सन्नाटा बोलता है,
सबको बताने वाले को कौन‑सी राहें खोलता है।

अंत में जब पुण्य‑पाप का पलड़ा तुलता है,
इमानदार हृदय ही हल्का होकर ऊपर उठता है।

 

समापन: आशा है ये लगभग 700 शब्दों की मौलिक “Shayari in Hindi” आपके मन को छू गई होगी। यदि किसी शेर ने खास असर डाला, नीचे कमेंट करें और इस पन्ने को शेयर करें—क्योंकि शायरी तब ही जीती है जब कोई और दिल धड़कियाँ गिनने लगे।

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